भारत में वयस्कों के लिए टीकाकरण शेड्यूल – आपको क्या जानना चाहिए
- Kumar Rishank
- 5 अग॰
- 2 मिनट पठन
क्यों ज़रूरी है वयस्क टीकाकरण?
बचपन के टीके का असर उम्र के साथ कम हो सकता है।
फ्लू, हेपेटाइटिस, निमोनिया, चिकनपॉक्स आदि बीमारियों से बचाव।
50 साल से ऊपर, पुरानी बीमारी (डायबिटीज, दिल, किडनी) या अधिक यात्रा करने वालों के लिए ज़रूरी।
मुख्य टीके और अनुसूची
टीका | किन लोगों के लिए | आम तौर पर कब लगवाएँ |
फ्लू (Influenza) | सभी वयस्क, खासतौर पर बुजुर्ग | हर साल 1 डोज |
टेटनस-डिप्थीरिया-पर्टुसिस (Tdap/Td) | सभी वयस्क | वयस्क अवस्था में 1 बार Tdap, फिर हर 10 साल बाद Td |
हेपेटाइटिस बी | बिना टीकाकरण वाले, हेल्थकेयर वर्कर | 0, 1, 6 महीने (तीन डोज) |
हेपेटाइटिस ए | हाई रिस्क ग्रुप (यात्रा/लीवर रोग) | 2 डोज 6 महीने के अंतराल पर |
निमोनिया (PCV/PPSV23) | ≥65 वर्ष या पुरानी बीमारियों वाले | हाई-रिस्क वालों को डॉक्टर के अनुसार |
HPV | महिलाओं (≤45), पुरुष (≤26) | 2–3 डोज, उम्र व वैक्सीन अनुसार |
चिकनपॉक्स (Varicella) | जिन्हें इम्युनिटी नहीं | 2 डोज, 4–8 हफ्ते के अंतराल पर |
टाइफाइड | हर किसी को, आम/यात्रा वाले | हर 3 साल में 1 डोज |
ज़ोस्टर (Shingles) | ≥50 वर्ष वाले | 1 डोज |
COVID-19 | सभी वयस्क | मौजूदा सरकारी गाइडलाइन के अनुसार |
ध्यान दें:
गर्भवती महिलाओं, बार-बार बीमार पड़ने वालों और ज्यादा यात्रा करने वालों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही शेड्यूल बनवाएँ।
अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें।
वयस्कों के लिए टीकाकरण क्यों जरूरी है?
बचपन के टीकों का असर समय के साथ कम हो सकता है।
बड़ी उम्र में या बीमारी की स्थिति में बीमारी की संभावना ज्यादा होती है।
टीकाकरण ना केवल आपको, बल्कि आपके परिवार और समाज की भी रक्षा करता है।
कहाँ जाएँ?
आप सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, नज़दीकी अस्पताल, या अशिर्वाद में टीकाकरण करवा सकते हैं।हमारे डॉक्टर आपको विस्तृत सलाह व पर्सनलाइज्ड वैक्सीनेशन प्लान बना कर देंगे।
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