बिहार में पथरी की समस्या: गॉल ब्लैडर बनाम किडनी स्टोन, लक्षण व समाधान
- Kumar Rishank
- 7 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन
बिहार, पटना और बिहार शरीफ क्षेत्र में पेट दर्द, उलझन और बार-बार अस्पताल जाने की एक मुख्य वजह पथरी (स्टोन) है—लेकिन गॉल ब्लैडर (पित्त की थैली) स्टोन और किडनी (गुर्दा) स्टोन में अंतर जानना इलाज का पहला कदम है।
गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है?
यह पित्त में कोलेस्ट्रॉल या पिगमेंट जमा होकर बनते हैं, जो अक्सर तली-चटपटी चीजें खाने के बाद दायें ऊपरी पेट में तेज दर्द, मतली, उल्टी या बुखार की वजह बनते हैं।
यदि पथरी रास्ता बंद करे तो पीलिया या इंफेक्शन भी हो सकता है।
खतरा किनको ज्यादा – मोटापा, ज्यादा चिकनाई, 40+ उम्र, महिलाएं
किडनी स्टोन क्या है?
गुर्दे में कैल्शियम, यूरिक एसिड, ऑक्जेलेट के कणों से बनी सख्त पथरी।
लक्षण – पीठ या कमर में असहनीय दर्द, पेशाब में खून, जलन, बार-बार पेशाब, बुखार
रिस्क – कम पानी पीना, गर्मी, ज्यादा नमक/प्रोटीन लेना, फैमिली हिस्ट्री
इनमें अंतर कैसे पहचानें?
लक्षण | गॉल ब्लैडर स्टोन | किडनी स्टोन |
दर्द की जगह | दायाँ ऊपरी पेट | पीठ या कमर, नीचे पेट तक |
कब बढ़ता है | तैलीय/मसालेदार भोजन के बाद | पानी कम, शारीरिक मेहनत |
पेशाब की समस्या | न के बराबर | बहुत आम |
मतली/उल्टी | बहुत आम | कभी-कभी |
समाधान एवं इलाज
गॉल ब्लैडर स्टोन:
अल्ट्रासाउंड से जांच
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी – पित्त थैली निकाली जाती है (बेहतर व सुरक्षित), वही दिन छुट्टी
नॉन सर्जिकल इलाज सिर्फ तब, जब ऑपरेशन संभव न हो
किडनी स्टोन:
अल्ट्रासाउंड/CT स्कैन से जांच
छोटी स्टोन – दवा व पानी, बड़ी स्टोन – लेजर या छोटी चीरे की सर्जरी
रूटीन जांच व आहार पर बदलाव
रोकथाम के लिए रोज की आदतें
3 लीटर तक साफ पानी पिएँ
तेल-घी, तली, फैटी चीजें और बहुत नमक से बचें
समय पर जांच और डॉक्टर से सलाह लें
अशिर्वाद हेल्थकेयर क्यों?
दोनों तरह की स्टोन का एडवांस्ड इलाज – लेजर व लैप्रोस्कोपिक
पटना/बिहार शरीफ में अनुभवी डॉक्टर और इमरजेंसी सुविधा
सस्ती जांच व ऑपरेशन की व्यवस्था
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