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प्रोस्टेट स्वास्थ्य जागरूकता: बिहार के पुरुषों के लिए जरूरी जानकारी

  • लेखक की तस्वीर: Kumar Rishank
    Kumar Rishank
  • 30 सित॰
  • 2 मिनट पठन

प्रोस्टेट स्वास्थ्य, खासकर 50 वर्ष के बाद बिहार, पटना और बिहार शरीफ के पुरुषों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अशिर्वाद हेल्थकेयर के यूरोलॉजिस्ट समय पर जानकारी, जांच और बचाव को पुरुषों की लंबी एवं स्वस्थ जिंदगी का आधार मानते हैं।


प्रोस्टेट क्या है?

प्रोस्टेट मूत्राशय के नीचे स्थित एक छोटी ग्रंथि है, जो शुक्राणु बनाने में सहायक होती है। उम्र बढ़ने के साथ निम्न समस्याएँ सामान्य हैं:

  • बीपीएच (Benign Prostatic Hyperplasia): प्रोस्टेट का सामान्य बढ़ाव, जिससे बार-बार पेशाब या रुकावट हो सकती है।

  • प्रोस्टेटाइटिस: प्रोस्टेट में सूजन, दर्द और पेशाब में तकलीफ।

  • प्रोस्टेट कैंसर: वृद्ध पुरुषों में आम कैंसर।


कब डॉक्टर से मिलें?

  • बार-बार पेशाब जाना, खासकर रात में

  • पेशाब का प्रवाह कमजोर होना या रुक-रुककर आना

  • पेशाब या वीर्य में दर्द या जलन

  • पेशाब या वीर्य में खून आना

  • पेशाब शुरू या रोकने में दिक्कत

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, वरना किडनी व संक्रमण जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।


बचाव एवं शुरुआती जांच

  • सालाना प्रोस्टेट जांच: 50 की उम्र के बाद (या परिवार में बीमारी हो तो 45 से) हर साल प्रोस्टेट जांच व PSA टेस्ट जरूर कराएं।

  • पौष्टिक आहार: टमाटर, हरी सब्जियां, ड्राइफ्रूट लें; लाल मांस व फैटी चीजें कम करें।

  • व्यायाम करें: रोजाना शारीरिक गतिविधि प्रोस्टेट सहित पूरे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

  • पानी पर्याप्त पिएं, पर रात में कम करें

  • धूम्रपान छोड़ें और शराब सीमित करें


आम भ्रांतियाँ

  • “प्रोस्टेट की समस्या सिर्फ बूढ़ों को होती है।” (गलत—~40 की उम्र के बाद भी शुरुआत हो सकती है)

  • “लक्षण हैं तो मुझे कैंसर है।” (गलत—बहुत बार समस्या सामान्य बढ़ाव या सूजन होती है)

  • “जांच दर्दनाक/शर्मनाक है।” (गलत—आधुनिक टेस्ट आसान व सुरक्षित हैं)


प्रोस्टेट की देखभाल के लिए अशिर्वाद हेल्थकेयर क्यों?

  • अनुभवी यूरोलॉजिस्ट्स व प्रोस्टेट विशेषज्ञ टीम

  • अत्याधुनिक जाँच सुविधा (अल्ट्रासाउंड, PSA, MRI)

  • सलाह से लेकर ज़रूरत पड़ने पर सर्जरी तक सम्पूर्ण प्रबंधन

  • बिहार-झारखंड के हजारों मरीजों का भरोसा

 
 
 

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